_दलित व गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूल मंच से दूर ही रखती है

 


*छठी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे समीर जाटोलिया की कला को ब्यावर जिला प्रशासन के सामने पहुंचाया*

● _दलित व गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूल मंच से दूर ही रखती है _●

ब्यावर के जालिया रोड़ निवासी समीर जाटोलिया जो छठीं कक्षा में पढ़ता हैं। इस छोटे से बच्चे ने कागज के गत्तों से कार, रेलगाड़ी, जेसीबी आदि बनाकर खराब मोबाइल की बैट्री से उनको चलाकर अपने कला का नमूना पेश करता रहा, लेकिन स्कूल के अध्यापक-अध्यापिकाओं ने इस बच्चें की कला को मंच प्रदान होने नहीं दिया क्योंकि ये छात्र प्राइवेट स्कूल में पढ़ता है। इस प्राइवेट स्कूल में 15अगस्त व 26 जनवरी  के कार्यक्रमों की लिस्ट से इस बच्चें का नाम भी काट दिया जाता है क्योंकि यह सरकारी योजनाओं से स्कूल में पढ़ाई कर रहा है। कला व  प्रतिभा हमेशा सरकारी स्कूलों में ही समझी जाती है। समीर जाटोलिया ने इस बार कागज के गत्तों से कूलर बनाया व उसको रस्ते में खराब मोबाइल की बैट्री मिली जिसको इस कूलर में लगाकर चलाया। यह कलूर जब समीर ने अपनी भुवा-फूफाजी को बताया तो वे इस कला को ब्यावर जिला प्रशासन तक लेकर गये। समीर की भुवा पुष्पा भट्ट स्वयं सरकारी अध्यापिका है जो जालोर जिले के सांचौर के हरियाली गाँव में कार्यरत है व उसके फूफाजी राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर में वकील है। ब्यावर जिले के अतिरिक्त जिला कलेक्टर मोहनलाल खटनावलिया समीर के फूफाजी के प्रिय मित्र है। जैसे ही यह कूलर जिला प्रशासन के सामने पहुंचा तो सबने इस कला की बहुत तारीफ की।

एडवोकेट कमल भट्ट 

प्रदेशाध्यक्ष राष्ट्रीय शोषित परिषद राजस्थान ब्यावर।