पढ़ोगे लिखोगे तो आगे बढ़ोगे तरक्की करोगे अंधभक्ति में बर्बादी की तरफ ही जाओगे

 





पढ़ोगे लिखोगे तो आगे बढ़ोगे तरक्की करोगे अंधभक्ति में बर्बादी की तरफ ही जाओगे पिछले 5 महीने से लगभग 92 लाख करोड रुपए शेयर मार्केट में अपनी पूंजी डूब जाने के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ कर रातों की नींद खराब हो गई मिडिल क्लास गरीब मजदूर को नौकरी नहीं मिल रही सैलरी बहुत कम है दुखी होकर अपने कर्म को कोस रहे हैं लेकिन सरकारी मुलाजिम एवं प्राइवेट सेक्टरो मैं विराजमान उच्च पदों पर बैठे लोग उनकी सैलरी सुविधा लगातार बढ़ रही हैं बेरोजगार परेशान है कि इस तरह से बाजार डूबता रहा कंपनियों का मार्केट मैप सिकुड़ रहा है बल्कि उनकी नौकरी पर खतरा आ जाएगा छटनी  शुरू हो जाएगी आम आदमी गब्बर सिंह टैक्स से भी परेशान हैं इस तरह की तमाम चिताओं में डूबे लोगों को रास नहीं आया कि कुंभ में डुबकी लगाने से कितना लाभ हुआ


   संकट की घड़ी में नरेंद्र मोदी बिल्कुल नहीं घबराते जिस समय शेयर बाजार में हाहाकार था उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में शेरों की तस्वीर उतार रहे थे वन्य जीव छायाकार का लिबास सफारी रेंजर और हाथ में कैमरा बड़े-बड़े संकटों के बीच तनाव मुक्त रहने का बड़ा राष्ट्रीय उदाहरण है मोदी जी के हाथ में कैमरा जिसकी कीमत लगभग ₹700000 है nikon- z 9 कंपनी का लेंस सहित लेकिन सर्वे अनुसार 90 करोड लोगों की मासिक आमदनी 8000 से भी कम है 80 करोड लोग 5 किलो राशन में खुश हैं अंध भक्ति भी कमाल की विचारधारा है पिछले 10 सालों से अपनी बर्बादी पर खुश होकर तालियां बजा रहे हैं गोदी मीडिया ने देश का बेड़ा गर्क कर दिया लोगों के दिमाग में झूठ गुमराह नफरत जाति धर्म आस्था का वर्चस्व भर दिया यही इस समय का राष्ट्रीय भाव होना चाहिए ना की बाजार डूब गया है शेर की तलाश में प्रधानमंत्री के चेहरे पर दिव्या एकाग्रता का संगम है प्रधानमंत्री फैशन को लेकर भी उदारवादी संदेश दे रहे हैं जो बात पाश्चात्य संस्कृति के सफारी टोपी के पहनने में नहीं आ सकती रोने वाला मिडिल क्लास को सोचना चाहिए था सोमवार को सफारी पर भी निकला जा सकता है जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंभू शिकारी बन गए नरेंद्र मोदी के पास जंगल सफारी तक जाने का वक्त है बस मणिपुर नहीं जाएंगे वैसे क्या यह शहर सपाटा भी कभी छुट्टी नहीं लेते हैं वाले जुमले में गिना जाएगा प्रधानमंत्री भले सफारी में जाने के लिए समुद्र तट पर फोटोग्राफी करने के लिए छुट्टी नहीं लेते हैं इन आयोजनों में उनकी गंभीरता देखकर कोई नहीं कह सकता कि प्रधानमंत्री छुट्टी पर कितने गंभीर हैं


 वैसे कुछ एक्सपर्ट जरूर कहेंगे कि शेयर बाजार गिरने से ज्यादा फर्क पड़ने वाला नहीं है मोदी सरकार के 10 साल के दौरान मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को लेकर ज्यादातर इसी तरह की खबरें आती रही लेकिन प्रधानमंत्री कभी विचलित दिखाई नहीं दिए रविवार को नरेंद्र मोदी ने देश की जनता के कल्याण और समृद्धि के लिए वक्त निकाल कर सोमनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की पहले के प्रधानमंत्री इस झूठ का प्रचार करते थे कि पीएम के पास एकदम टाइम नहीं होता समय कीमती होता है प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम के टाइम को नए सिरे से परिभाषित किया है जनकल्याण केवल फैसलों से नहीं पूजा अर्चना भी भारतीय जीवन के निजी और सार्वजनिक कल्याण का हिस्सा है शनिवार को भी प्रधानमंत्री मोदी ने काम किया छुट्टी नहीं ली सोमवार को सफारी रविवार को पूजा शनिवार को दिल्ली में खुसरो के कार्यक्रम में जाकर सूफी संगीत का लुप्त उठाया खुसरो में प्रधानमंत्री ने सुंदर बात कही हिंदुस्तान जन्नत का बगीचा है जहां तहजीब का रंग फलाफेला है 5 दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी बागेश्वर धाम गए धीरेंद्र शास्त्री के कैंसर के अस्पताल के निर्माण में हिस्सा लिया बागेश्वर धाम में बालाजी सरकार के दर्शन पूजन का सौभाग्य मिला उनसे देशवासियों की सुख समृद्धि और कल्याण की कामना की


 प्रधानमंत्री ने बाजार के निवेशकों को उनके हाल पर छोड़ दिया 2014 से पहले जनता पुरानी बातों से कितनी भी परेशान हो जाए ऐसी खबरों से प्रधानमंत्री मोदी को बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ता लोगों के पास खाने-पीने की चीजों के अलावा उपभोक्ता सामान खरीदने के पैसे नहीं हो उनके कारण भारत की अर्थव्यवस्था की हालत खराब है और शेयर बाजार में कोहराम पैसा शेयर बाजार में डूब रहा है निफ्टी 22000 के नीचे जा रहा है निवेशक सब चिताओं को छोड़कर एक राष्ट्रवाद के चक्कर में फंसकर बाजार की तरफ भागे थे विदेशी निवेशक तो भाग लिए देसी निवेशक क्यों फंस गए 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी का गुब्बारा लगता है फूट गया माहौल बनाने वाले तंत्र बाजार के गिरने के अनेक कारण थे इसमें हिंदू राष्ट्रवाद का कितना रोल था मोदी सरकार को प्रमोट करने के लिए मार्केट में भी हिंदू राष्ट्रवाद के रंग में रंगा पूरा तंत्र विकसित हो गया 56 इंची के राज मैं बहुत सारे भारतवासी बैंकों से कर्ज लेकर विदेश भाग गए और मोदी सरकार ने अपने मित्रों का लगभग 16 लाख करोड रुपए राइट ऑफ कर दिया


 मार्केट गुरु प्रधानमंत्री से मिलकर फोटो खिंचवाते रहते हैं जिससे संकेत जाता रहे 3 जून 2024 के बिजनेस टुडे का  लेख 2019 से 24 के बीच में टाइम्स आफ इंडिया की 31 जनवरी 2024 की रिपोर्ट 8 फरवरी 2024 को निखिल अग्रवाल की इकोनामिक टाइम्स की रिपोर्ट आदि बहुत कुछ सार्वजनिक किया है मोदी की गारंटी विश्वास मत के जवाब में प्रधानमंत्री के लोकसभा भाषण के बाद 22 स्टॉक मल्टीबैगर बन गए 24 लाख करोड़ का मुनाफा हुआ इस रिपोर्ट में लिखा है प्रधानमंत्री के स्टॉक टिप्स मनी बैंक फसते ही जा रहे हैं 10 अगस्त 2023 को प्रधानमंत्री ने पीएसयू स्टॉक्स के बारे में कहा था इन पर दाव लगा दीजिए 6 महीने में यह 66% बढ़ गए लगभग 24 लाख करोड़ का बाजार में नुकसान हो गया तो बाजार  मार्केट में हिंदू राष्ट्रवाद का तंत्र माहौल बना रहा था प्रधानमंत्री संसद में गुरु मंत्र बता रहे थे और उनके सांसद वहां बैठकर तालियां बजा रहे थे जिन लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी की बात पर भरोसा कर शेयर बाजार में पैसे लगाए उन्हें प्रधानमंत्री से पूछना चाहिए अब क्यों नहीं टिप्स दे रहे हैं उन्हें रात 8:00 बजे टीवी पर आकर टिप्स देना चाहिए 4 जून को चुनाव के नतीजे से एक हफ्ता पहले तक प्रधानमंत्री मोदी गृह मंत्री अमित शाह मीडिया के कार्यक्रमों में कह रहे थे 4 जून से पहले स्टॉक मार्केट में निवेश कर दीजिए हजारों करोड़ों रुपए यहां पर इन्वेस्टर्स ने इन्वेस्ट किया है और उसके बाद 30 लाख करोड रुपए का लॉस होता है बाजार के चढ़ने के समय तो खबरों में खूब मोदी मोदी किया जा रहा था लिखा जा रहा था मोदी जिस चीज को छूते हैं सोना बन जाता 2025 में पीएसयू के शेयर डूबते जा रहे हैं तब मोदी का नाम हैडलाइन से गायब हो गया जबकि प्रधानमंत्री अभी मोदी ही हैं


  3 मार्च 2024 के मनीकॉन्ट्रोल की हेडलाइन देखिए पीएसयू शहरों में भारी बिकवाली 60% तक टूटा भाव 15 महीने के निचले स्तर पर मार्केट वैल्यू हो गई रेलवे के शेयरों की कितनी हेडलाइंस छपती थी लेकिन आज उन शेयरों की बात क्यों नहीं हो रही क्या रेल के शेयर भी ट्रंप की तारीफ नीति के कारण गिर रहे हैं फिर अश्विनी वैष्णव रेल मंत्री के रूप में क्या कर रहे हैं आईआरसीटीसी 30% का नेगेटिव रिटर्न दे रहा है सितंबर में आईआरसीटीसी 950 रुपए के ऊपर था मगर 3 मार्च को 660 के नीचे चला गया रेल विकास निगम लिमिटेड 45% नेगेटिव रिटर्न दे रहा है सितंबर में जो रेल विकास ₹600 के ऊपर था वह 3 मार्च को 323 पर बंद हुआ रेलटेल कॉर्पोरेशन ने 45% के करीब नेगेटिव रिटर्न दिया है मगर 3 मार्च को 278 पर बंद हुआ आईआरडीए भी करीब 40% नेगेटिव रिटर्न दे रहा है सितंबर में एक शेयर 250 से ऊपर चला गया 3 मार्च को 147 के लगभग आ गया सरकार की कंपनियों के शेयर भी नेगेटिव रिटर्न दे रहे हैं पिछले 5 महीने में जिसे पैसे की जरूरत पड़ी होगी उसे तो गहरा सदमा लग गया होगा कॉविड-19 के कारण मार्च 2020 में भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट जनवरी 2020 में सेंसेक्स 42000 अंक और निफ्टी 50 के करीब एक रिकॉर्ड बताया गया लगभग 38% 2020 को सेंसर नीचे चला गया लेकिन अगले कुछ महीनो में सुधार करते हुए 32000 पर पहुंच गया अक्टूबर 2020 तक आते-आते मार्केट 41000 के पार चला गया कई विशेषण के कोविद-19 के बाद की रिकवरी मतलब समाज का एक आर्थिक वर्ग रिकवर हुआ पैसा कमाया लेकिन नुकसान उठाने वाला बड़ा तबका उससे उभर नहीं पाया


  एक्सपर्ट के अनुसार कॉविड-19 के समय की रिकवरी की बात सबको दिखने लगी कि इस बार की गिरावट लंबी रहने वाली है जिनका निवेश नेगेटिव में गया है उसकी रिकवरी होगी कब होगी कोई नहीं जानता सेंसेक्स 2024 सितंबर में 85000 के पार चला गया था उस ऊंचाई से गिरते गिरते 73000 से नीचे जाता दिख रहा है करीब 12700 नीचे आ चुका है बाजार की खबरों का हाल भी बाजार के जैसा हो रहा है शेयर बाजार की गिरावट ने 1996 का रिकॉर्ड तोड़ दिया  रेडीमेड तैयार बजट को मिडिल क्लास का बताने के लिए जोर लगा दिया गया कमाल का प्रचार तंत्र है जब निवेशक बाजार के सही गलत के आधार पर फैसला नहीं करता हिंदू राष्ट्रवाद के रंग में डूब कर राजनीति की नजर से बाजार को देखने लग जाता है अब सब कहने लगे हैं गुब्बारे में हवा भरी गई थी डॉलर 88 पार करने की कोशिश कर रहा है कंपनियों का वैल्यूएशन ज्यादा किया गया लेकिन झूठ के सहारे बाजार के गुब्बारे में हवा भरी जा रही थी बैंकों के ब्याज दर नहीं बढ़ रहे थे लोग थक हार कर डिमैट अकाउंट खोलने लग गए 2 महीने में 1 करोड़ शिप खाता बंद हुए हैं कि लोगों के पास पैसों की कमी है और उन्हें अब मार्केट पर ना तो भरोसा रहा है ना उन्हें यह उम्मीद है की मार्केट बहुत जल्द सुधरेगा पर क्या सरकार परेशान है हर साल 8% ग्रोथ कैसे आएगी इस पर कोई चर्चा नहीं 2047 तक हर साल 8% ग्रोथ कैसे होगी केंद्र सरकार एवं प्रदेश सरकारे लगातार बैंकों से कर्ज ले रही हैं देश और देश की जनता को कर्ज के नीचे डुबो दिया एक तोले सोना भी 80000 रुपए के पार पहुंचा दिया


  सितंबर से लेकर फरवरी खत्म होने तक 334000 करोड रुपए विदेशी निवेशकों ने भारत से निकाल लिए खबरें छप रही है कि भारत से निकाल कर चीन और अमेरिका में लगा रहे हैं विदेशी निवेशकों ने केवल जनवरी के महीने में 87000 करोड़ रूपया भारत से निकाला विदेशी निवेशक और देसी निवेदक फस गए वित्त मंत्री लहसुन प्याज नहीं खाती अप्रैल 2022 वित्त मंत्री ने संसद में कहा था अमेरिका में पैसा लगाने पर टैक्स नहीं लगता है भारत में टैक्स देना पड़ता है जुलाई 2024 में मोदी सरकार ने इंडेक्सेशन बेनिफिट हटाकर 20 फीसद का लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन टैक्स लागू कर दिया यही नहीं शॉर्ट टर्म कैपिटल गैन टैक्स भी बढाकर 20% कर दिया उस समय का अखबार निकाल कर देख सकते हैं फरवरी 2025 में जब बजट पेश हुआ तब भी बाजार गिर रहा था फिर भी वित्त मंत्री ने लांग टर्म टैक्स और शॉर्ट टर्म कैपिटल गैन टैक्स को नहीं घटाया ना खत्म किया


 अदालत द्वारा पूर्व सेबी की माधवी पूरी बुच के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं मोदी राज में जांच एजेंसी ठीक से काम नहीं करती लेकिन अदानी कंपनी को बचाने के लिए कौन से खेल खेले हैं पता लगना चाहिए कैग रिपोर्ट अनुसार आयुष्मान योजना में मर चुके लोगों का भी इलाज हो गया pm-jay डेटाबेस में तीन मोबाइल नंबर दर्ज हैं 

99000000000, जिसमें लगभग 9.85 लाख बताए गए हैं मृतकों के इलाज में गड़बड़ी छत्तीसगढ़ हरियाणा झारखंड केरल मध्य प्रदेश रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना के तहत इलाज करवाने वाले लोग 88.760 ऐसे थे जिनकी इलाज के दौरान मृत्यु हो गई रिपोर्ट में मरिज एक ही समय पर कई अस्पतालों में एडमिट हुआ था नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने भी जुलाई 2020 में इस बात को माना कैग रिपोर्ट में सामने आया कि 48.387 मरीज के 78.396 क्लेम ऐसे थे जिनमें दूसरी बार एडमिट होने की तारीख पहली बार डिस्चार्ज होने के पहले की थी केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने राज्यसभा में कैग की रिपोर्ट पेश की स्वास्थ्य मंत्री ने बताया 1 अगस्त 2023 तक आयुष्मान भारत योजना के तहत कुल 24.33 करोड़ कार्ड बनाए जा चुके हैं


 अगर विदेशी निवेशकों के भागने से बाजार डूबा है और आपका पैसा डूबता जा रहा है तो इसके कर्म को समझना ही होगा, अपना अपना दिमाग खपाए, क्या लेकर तू आया जग में, क्या लेकर तू जाएगा, आसमान में उड़ने वाला खाक में मिल जाएगा, कर्म करेका फल पड़े भोगना अंत समय पछताएगा, जो यही मिला और यही डूब गया, आशा का दामन पीछे छूट गया,, 

जनहित में जारी