लोकराजा श्री छत्रपति सम्भाजी महाराज

 



*लोकराजा श्री छत्रपति सम्भाजी महाराज की पुण्य तिथि पर उनकी पावन स्मृति को विनम्र अभिवादन,भावपूर्ण श्रद्धांजलि*

      *छत्रपति सम्भाजी महाराज की मृत्यु से सम्बंधित ऐतिहासिक लोमहर्षक तथ्य*

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*सम्भाजी महाराज को औरंगजेब के खौफ खौफ के बावजूद उनके टुकड़े टुकड़े जमा कर विधिवत मुखाग्नि देने का साहस करने वाले शुद्र जाति के गोविंदा गणपत महार का साहस भरा कार्य*

     *सबको ज्ञातव्य है कि,बलशाली मराठा सम्राट छत्रपति सम्भाजी राजा को मुगल बादशाह औरंगजेब ने छलकपट से पकड़कर 11 मार्च 1689 को तुलजापुर में फांसी देकर उनके शरीर के धड को क्रूरतापूर्ण तरीके अनेक भागों में  विभाजित कर भीमा नदी के संगम में फेंक दिए थे।*

     *औरंगाबाद का फरमान था कि,जो कोई व्यक्ति  उनके टुकड़ो को हाथ लगाएगा और अग्नि देगा उनका भी वही बुरा हश्र होगा।इसके बावजूद शुद्र जाति के गोविंदा गणपत महार और उनके साथियों ने रात्रि के अंधेरे में नदी परिसर में बिखरे सारे टुकड़े इक्कठा कर उनकी सिलाई की और रात्रि में ही विधिवत उन्हें ससम्मान मुखाग्नि दी।बाद में यह वाकया औरंगजेब को मालूम हुआ तो इन बहादुर गोविंदा गणपत महार एवं साथियों को क्रूर तरीकों से मार दिया था।छत्रपति सम्भाजी महाराज के साथ उन महार योद्धाओं को भी हमारा शत शत नमन। उनकी बहादुरी के कारण ही आज हम छत्रपति सम्भाजी महाराज की समाधि देखा पा रहे है।*

*आलेख-एस.आर.शेंडे*